Dnyaneshwar
SASTUR OSMANABAD LOHARA SASTUR
Search This Blog
Wednesday, January 12, 2011
DNYANESHWAR KOLI
30 सितम्बर 1993, भयंकर भूकम्प कि हिला कर
30 सितम्बर 1993, भयंकर भूकम्प कि हिला कर
रख दिया लातूर क्षेत्र 9,782 लोग मारे गए और 10
अरब कुल क्षति कारण पर. लेकिन वह भी एक
अद्वितीय क्षेत्र के सूखाग्रस्त गांवों का पुनर्गठन
करने का अवसर की पेशकश की. दस साल
बाद, अरब Rs.12 पुनर्वास के लिए खर्च किया
गया है. पूरे भूकंप प्रभावित क्षेत्र एकल रसोईघर
प्रकार ब्लॉक, जो बेजान बजाय बैरकों घरों और
अधिक की तरह लग रही के साथ बिंदीदार है.
जो लोग इन इमारतों में रहने के परंपरागत
chullah का उपयोग नहीं कर खाना पकाने के
लिए है क्योंकि यह कालिख के साथ दीवारों
blackens कर सकते हैं. एक ठोस ब्लॉकों है
कि या तो बगल में डाल रहे हैं, या पूर्व
geodesic गुंबद के साथ निर्मित की बनी
दीवारों के भीतर एक कील नहीं डाल सकता.
शायद ही किसी को कृषि उपकरण, स्टोर
खाद्यान्न या पीछे पशु रखना जगह नहीं है.
आदी लोग सदियों पुरानी वाड़ा प्रकार के भवनों
में रहने के लिए खाना पकाने और टिन के
निर्माण से जीने के लिए स्थान बनाया है
शेड पुनर्वास ब्लॉक प्रतिष्ठित कोठरियों बन गया.
इसके अलावा, वहाँ दीवारों percolating और
slabs टपकाव के बारे में शिकायतों के बहुत
सारे हैं. लेकिन वहाँ शायद ही दाता एजेंसियों
द्वारा निर्मित मकान की मरम्मत के किसी
लगता है. कम से कम 50 गांवों जगह बदली
थी. और प्रत्येक गांव 5-8 गुना अधिक क्षेत्र
का अधिग्रहण किया है.
Subscribe to:
Posts (Atom)